नीचे आपको ऐसे पेज मिलेंगे जो वर्गीकरण शब्द का उपयोग करते हैं “selfhelp”
Jul, 2024 - Post
२० सालों की २० सीखें
५ जुलाई २००४, वो समय जब में मैंने अपनी पेशेवर यात्रा शुरू की। ये पिछले 20 वर्ष मेहनत और संतुष्टि से भरे रहे हैं।
जैसे की कहते है “सीखना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है और जब हम सीख को किसी से साझा करते है तो ये और परिपक्व होती है”,
इन दो दशकों में मुझे भी बहुत कुछ सीखने को मिला, मैंने विभिन्न प्रोद्योगिक तकनीकियों में ५० से ज्यादा प्रोजेक्ट्स किये, विभिन्न संगठनों में विविध पृष्ठभूमि के हजारों लोगों के साथ सीधे काम किया। इन्ही अनुभवों से सीख के मेने 120 से अधिक लेख लिखे और जज, वक्ता, पैनलिस्ट, या अतिथि व्याख्याता जैसी भूमिकाओं में 60 से अधिक कार्यक्रमों में भाग लिया। मैंने इन प्रयासों के माध्यम से ५० हजार से अधिक व्यक्तियों को प्रभावित किया होगा।
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Jan, 2024 - About
पुस्तकें
जगजीवन जीवन से बढ़कर जीना यह पुस्तक श्री जग्गूराम के जीवन से प्रेरित है, जो मेरे और कई अन्य लोगों के लिए एक आदर्श रहे हैं। यह पुस्तक उनके जीवन की कहानियों का एक संग्रह है, जो मैंने उनसे और अन्य लोगों से सुनी है, जो एक खुशहाल और पूर्ण जीवन जीने के सिद्धांतों को दर्शाते है ।
☞ Jagjivan - English Version ☞ Amazon - Coming in 2024.
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Jun, 2020 - Post
२०२० - बदलाव का वर्ष
परिवर्तन या बदलाव ही एकमात्र स्थिर है, इसे हम जितना जल्दी स्वीकार करते हैं, उतना ही जल्दी हम भविष्य के लिए तैयार होते हैं। २०२० भी एक बदलाव का वर्ष है, हमे इसे स्वीकार करना होगा और अपनी जीवन शैली को बदल कर भविष्य के लिए तैयार होना होगा।
मैंने पहले भी परिवर्तन यानि बदलाव के बारे में लिखा है, जैसे की
सफल बनने के लिए बदलें एक उद्देश्यपूर्ण और संतुलित जीवन मानव क्षमता को उजागर करना परिवर्तन को स्वीकार करना आज, २० जून २०२०, मेरे छोटे बेटे लव्यांश का तीसरा जन्मदिन है, और जून का महीना वास्तव में बच्चों की स्कूल से छुट्टियां मानाने का समय होता है । भारत में, यह वह समय होता है, जब परिवार बच्चों के साथ छुट्टियां मनाने के लिए जाने की योजना बनाते हैं, और आमतौर पर छुट्टी का स्थान मातृ और पैतृक स्थान होता है, जहां बच्चे अपने दादा-दादी या नाना-नानी के साथ समय बिताते हैं। विशेष रूप से मेरे जैसे लोगो के लिए जिनके बच्चों को केवल इसी दौरान दादा-दादी या नाना नानी के साथ रहने का मौका मिलता है। मेरी पत्नी रितु, जिसने ऑफिस से कुछ समय का ब्रेक लिया है, उसने पिछले साल से ही जून के महीने का आनंद अपने माता पिता के साथ रह कर शुरू किया था, और उसी दौरान मैंने भी फिर अकेले रहने का अनुभव किया :। लेकिन इस Covid19(कोरोना) ने हम सभी को परेशान कर दिया है। न तो मेरी बहनें और उनके बच्चे के साथ यहाँ आ सकी, न ही हम कहीं जा सके। हम इस जन्मदिन को परिवार के साथ नहीं मना सकेंगे, यही सोच के परेशान हो रहे थे।
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May, 2020 - Post
मानव क्षमता को उजागर करना
Covid19 ने काम करने के तरीके को चुनौती दी है, मैंने अपने कार्यदिवस और काम करने के नए तरीकों की ओर हमारी पारी को कवर करने के लिए अपने पहले के लेख में लिखा है । Covid19 ने हमारे काम करने के तरीके को ही नहीं बल्कि हमारे जीवन को भी प्रभावित किया है। पूरे दिन, हम सुनते रहते हैं कि यह मानवता पर कड़ा प्रहार कर रहा है और इसने हमारे आसपास इतनी नकारात्मकता ला दी है।
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May, 2020 - Post
अधिक सफल बनने के लिए बदलें!
परिवर्तन एकमात्र स्थिरांक है, इसके लिए मानव जाति से निरंतर प्रयास की आवश्यकता होती है जो उस परिवर्तन को समझे जो सफलता की और लेके जाता है, और हमें और भी अधिक सफल बनाता है। अपने पहले लेख में, मैंने सफलता के मंत्र के बारे में बात की , और आवश्यकता पड़ने पर परिवर्तन को स्वीकार करने के बारे में भी लिखा । कभी-कभी जिस तरह से हम अपनी सफलता का अनुभव करते हैं वह अधिक सफल बनने के लिए अवरोधक बन जाता है। हम सफल होने के रास्ते पर जाने-अनजाने में कुछ आदतें जमा कर लेते हैं, और ज्यादातर हम कभी भी महसूस नहीं करते हैं कि वे आदतें हमारे आगे बढ़ने के रास्ते को अवरुद्ध करना शुरू कर देती हैं।
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Mar, 2019 - Post
जीवन में उद्देश्य और संतुलन कायम रखें
मैंने अभी-अभी गौड़ गोपाल दास की एक पुस्तक “Life’s Amazing Secrets” समाप्त की है । यह पुस्तक जीवन में संतुलन और उद्देश्य के विषय को अच्छी तरह से शामिल करती है। पुस्तक से कुछ अवधारणाएँ को मैं अपने वर्तमान कंपनी संस्कृति से भी रिलेटेड कर सकता हूँ, जैसे जैसे की कल्टीवेशन एंड कोलैबोरेशन।
मुझे मेरी नयी कंपनी ThoughtWorks ज्वाइन किये 6 महीने से अधिक हो गए है, एक संगठन जो 25 साल से अधिक समय पहले एक सामाजिक प्रयोग के रूप में शुरू हुआ था, और जीवन में 3 स्तंभों को संतुलित करने में विश्वास करता है; स्थिरता, उत्कृष्टता और उद्देश्य। यह संगठन को एक जीवित इकाई के रूप में बनाता है, और जहां कहीं भी जीवन है, उसे परिवर्तनों और चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, यह हम पर है कि हम कैसे बदलते हैं और बदलने की कला को उत्कृष्टता देते हैं।
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